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"अरुणोदय"

प्रतिभा विकास सदन

अभिप्रेरणा सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था माध्यमिक विद्यालयों में अरुणोदय - प्रतिभा विकास सदन नाम के कार्यक्रम का सञ्चालन करेगी | इस कार्यक्रम का  मुख्य उद्देश्य शिक्षा के साथ साथ  विद्यार्थियों में जीवन कौशल का विकास, नेतृत्व करने, निर्णय लेने एवं संवादात्मक  क्षमता का विकास करके उनके व्यक्तित्व को निखारना, विद्यालय की गतिविधियों एवं प्रबंधन में भागीदारी बढ़ाना, विद्यालय को आनंददायी, सुरक्षित तथा स्वच्छ रखना होगा ।  इस कार्यक्रम को इस प्रकार से आकार दिया गया है कि विद्यार्थियों एवं अध्यापकों पर किसी भी प्रकार का अतिरिक्त कार्य बोझ ना बढ़े | कार्यक्रम का प्रारूप निम्न अनुसार होगा –

 

सदन का ढांचा:

सदन को दो भागों में बांटा जायेगा 

  1. पक्ष: सदन में पक्ष में कुल 5 विद्यार्थी एवं एक अध्यापक होंगे इनको कक्षा 8 से 12 तक में से नामांकित जायेगा | किसी भी विद्यालय में प्रथम बार पक्ष के विद्यार्थियों, अध्यापक तथा किसी भी रिक्त सदस्य को प्रधानाध्यापक, 2 अध्यापकों, सभापति (विशिष्ट प्रतिभा) तथा संस्था के प्रतिनिधि आपस में विचार विमर्श के पश्चात् नामित करेंगे | उसके बाद के वर्षों में प्रतिपक्ष के पांच विद्यार्थियों तथा अध्यापक को स्वतः ही पक्ष का दायित्व सौंप दिया जायेगा | पक्ष को पुनः निम्न 5 विभागों में विभक्त किया जायेगा –

 

  1. खेल विभाग: खेल विभाग का कार्य विद्यालय में खेलों को प्रोत्साहन देना होगा | विभिन्न खेलप्रतियोगिताओं का वर्ष में 2 बार 15 अगस्त तथा 26 जनवरी को आयोजन किया जायेगा | विजयी दल/विद्यार्थी को पुरुस्कृत किया जायेगा | विभिन्न प्रस्ताव भी खेल विभाग द्वारा तैयार किये जायेंगे | प्रतिदिन खेलों के अभ्यास के सम्बन्ध में भी खेल विभाग प्रस्ताव प्रस्तुत करेगा | विभिन्न अंतर विद्यालीय / अन्तर जनपदीय इत्यादि प्रतियोगिताओं में सहभागिता सुनिश्चित करना | समय समय पर खेलों से सम्बंधित विभिन्न शिविरों का आयोजन करना |

  2. विज्ञान एवं तकनीकी विभाग: समय समय पर विभिन्न कार्यशालाओं एवं गोष्ठिओं का आयोजन करना |विभिन्न योजनाये बनाकर विद्यार्थियों में अभिरुचि जाग्रत करना तथा उन्हें अभिप्रेरित करना | रोचक तरीके अपनाकर विद्यार्थिओं के रचनात्मकता को बढ़ाना | विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन करना तथा उनमे भाग लेना |

  3. कला एवं संस्कृति विभाग:विभिन्न साहित्यिक, कला एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों व प्रतियोगिताओं, जैसे कि नाटक मंचन, नृत्य, लोकगीत, वाद विवाद, निबंध, चित्रकला, हस्तकला इत्यादि का आयोजन करना तथा विद्यार्थियों की रचनात्मक सहभागिता सुनिश्चित करना | समयानुरूप, सुधार हेतु विभिन्न प्रस्ताव देना | 

  4. स्वास्थ्य एवं स्वच्छता विभाग: विद्यालय के सभी विद्यार्थियों को स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के प्रति जागरूक करना | समय समय पर विभिन्न स्वास्थ्य जांच या जागरूक शिविरों का आयोजन करना | स्वच्छता बनाये रखने हेतु समय समय पर विभिन्न गतिविधयां आयोजित करना |

  5. विद्यार्थी कल्याण विभाग: विद्यार्थियों की समस्याओं को पहचानना तथा विधार्थियों के कल्याण हेतु विभिन्न योजनायें तथा प्रस्ताव तैयार करना | अनुशासन बनाये रखना | गरीब एवं जरूरतमंद विद्यार्थियों को पहचानना वा उनकी हर संभव मदद करना | विद्यालय प्रशासन तथा विद्यार्थियों के बीच एक पुल का कार्य करना | अनपढ़ बच्चे जो स्कूल जाने में सक्षम नहीं है या प्रौढ़ महिलाओं एवं पुरुषों को विद्यालय के पश्चात साक्षर करना |

 

       2. प्रतिपक्ष: प्रतिपक्ष के 5 विद्यार्थियों को अध्यक्ष, सभापति, संस्था के प्रतिनिधि तथा 2 अध्यापकों के विचार विमर्श के पश्चात् कक्षा 7 से 11 तक में से नामित किया जायेगा | नामित विद्यार्थी                आगामी वर्ष में पक्ष का कार्यभार सम्हालेंगे | प्रतिपक्ष का कार्य पक्ष द्वारा तैयार प्रस्तावों की समीक्षा करना तथा सुधारात्मक सुझाव देना है | बिना प्रतिपक्ष की सहमती के कोई भी प्रस्ताव                  पास नहीं होगा |

 

अध्यक्ष: अध्यक्ष का पद प्रधानाध्यापक या प्रबंध समिति द्वारा नामित अध्यापक सम्हालेंगे | किसी भी प्रस्ताव पर अध्यक्ष तथा सभापति सम्मिलित रूप से अपना मत देंगे | प्रत्येक बैठक की अध्यक्षता भी अध्यक्ष द्वारा ही की जाएगी | अध्यक्ष तथा सभापति पारित प्रस्ताव के क्रियान्वयन हेतु सदन को मार्गदर्शन भी देंगे एवं यदि किसी सुधार की आवश्यकता है तो वो भी सुझाव देंगे |

 

सभापति: किसी भी व्यक्ति जिसने विज्ञान, तकनीकी, शिक्षा, कला, संस्कृति, खेल, साहित्य, स्वास्थ्य, समाजकार्य इत्यादि में कोई विशिष्ट स्थान हासिल किया हो या विशिष्ट सम्मान हासिल किया हो, को प्रबंध समिति तथा संस्था की सहमति से नामित किया जा सकता है | कोशिश करनी चाहिए की व्यक्ति राजनीति में सक्रीय न हो, परन्तु ये कोई अनिवार्य शर्त नही है | सभापति का कार्यकाल 2 वर्ष का होगा | सभापति के किन्ही दो कार्यकालों में भी 2 वर्षों का अंतर होना अनिवार्य होगा |

 

संस्था का प्रतिनिधि: संस्था का प्रतिनिधि संस्था द्वारा नामित किया जायेगा | प्रतिनिधि का कार्य सदन को चलाने में अध्यक्ष तथा सभापति का सहयोग करना होगा | सदन तथा संस्था के मध्य एक पुल का कार्य करेंगे | समय समय पर सदन का मार्गदर्शन भी करेंगे |

 

 

अन्य महत्वपूर्ण बिंदु:

 

  • पक्ष तथा प्रतिपक्ष के विद्यार्थी अपने सहयोग हेतु कम से कम 2 एवं अधिक से अधिक 3 अन्य विद्यार्थियों को अपने दल में शामिल कर सकते हैं |

  • 15 अगस्त एवं 26 जनवरी पर आयोजित होने वाली प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों के पुरुस्कृत भी किया जायेगा | जिसकी मीडिया कवरेज भी की जाएगी|

  • कार्यक्रम को सुचारु रूप से चलने में सहयोग करने वाले अध्यापकों एवं विद्यार्थियों को भी 26 जनवरी के कार्यक्रम में सम्मानित किया जायेगा |

  • अपने विषय में अच्छा परिणाम देने वाले कक्षा 10 तथा कक्षा 12 के अध्यापकों को भी  15 अगस्त के कार्यक्रम में सम्मानित किया जायेगा |

  • 15 अगस्त पर केवल खेल कूद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जायेगा तथा 26 जनवरी को केवल सांस्कृतिक प्रतियोगिताएं का आयोजन किया जायेगा | सभी प्रतियोगिताएं दो वर्गों में आयोजित होगी - कक्षा 6 से 8 तक तथा कक्षा 9 से 12 तक |

  • उदाहरणार्थ सांस्कृतिक गतिविधियाँ - 

    • वाद - विवाद

    • कविता पाठ

    • पोस्टर 

    • स्लोगन

    • भाषण

 

  • उदाहरणार्थ खेल कूद गतिविधियाँ -

    • बैडमिंटन

    • शतरंज

    • कैरम

    • वॉलीबाल

    • खो-खो

    • कबड्डी

    • दौड़

    • कूद

 

विद्यालय इस कार्यक्रम को क्यूँ अपनाएं -

 

  • कार्यक्रम को अपनाने से आपके विद्यालय को एक नयी दिशा मिलेगी जिससे आपके विद्यालय की प्रतिष्ठा और भी बढ़ जाएगी | 

  • संस्था के साथ साथ आपके विद्यालय का भी प्रचार प्रसार हो जायेगा | 

  • विद्यार्थियों के शैक्षिक प्रदर्शन में सुधार आएगा, अच्छे  प्रदर्शन के कारण आपके विद्यालय की ख्याति बढ़ेगी |

  • विद्यार्थियों में अनुशासन आएगा | 

  • उनका चरित्र एवं व्यक्तित्व विकसित होगा |

  • नेतृत्व में मुखरता आयेगी | 

  • विद्यार्थी संवादात्मक बनेंगे | 

  • सबसे महत्वपूर्ण, विद्यालय को किसी भी प्रकार के निवेश की आवश्यकता नहीं  होगी | अर्थात शून्य निवेश से ही आपके विद्यालय में इतने कार्य हो जायेंगे |

 

संपर्क :

कृपया उपरोक्त कार्यक्रम के सम्बन्ध में संस्था से संपर्क करें |


ईमेल - ngoasco@gmail.com; मोबाइल नो. - 7017389704

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